आत्मनिर्भता के लिए उत्तराखंड तैयार

भानु प्रकाश नेगी


प्रवासी युवा जगा रहे है स्वरोजगार की आस
रूद्रप्रयाग,चमोली व पौड़ी के युवाओं ने शुरू किया स्वरोजगार
उत्तराखंड प्रवासी स्वरोजगार सर्वेक्षण योजना से मिल रही है राह


देहरादून -कोरोना वायरस के भय से देश विदेश में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडी जब से अपने गांवों को लौटे है,तब से उत्तराखंड के फिर से खडे होने की आस परवान चड़ रही है। वीरान होते गांवों में इतनी जल्दी चहल पहल हो जायेगी यह किसी सोचा भी नहीं था। समय बदला और लोग अपने पैत्रिक निवास स्थान की ओर लौटे और अपने घर के आस पास ही स्वरोजगार तलासने लगे है। कई जिलों के युवाओं ने तो आधुनिक तकनीकी के साथ स्वरोजगार शुरू भी कर दिया है। जिससे उनकी आय धीरे धीरे बढ़ने लगी है।कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के कारण गांॅव लौटे युवा अब स्वरोजगार की दिसा में आगे बढ रहे है। राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड प्रवासी स्वरोजगार सर्वेक्षण योजना को लागू किया गया है जिसमें 43 प्रकार के स्वरोजगार को मंजूरी दी गई इनमें से किसी भी एक रोजगार को चुनकर उसका प्राजेक्ट बनाकर आॅनलाइन फार्म भरा जा सकता है। जिसमें कार्य के अनुसार 25 लाख तक का ऋण सरकार की ओर से स्वरोजगार के लिए दिया जा रहा है।
रूद्रप्रयाग में स्वरोजगार अपना रहे है युवा
कोरोना संकट को देखते हुए रूद्रप्रयाग जिले के पाला कुराली के चार युवाओ ने गांव में ही रहकर स्वरोजगार के लिए पूरी तैयारी कर ली है।ये युवा गाईड बनकर सैलानियों को प्राचीन ट्रैकिंग रूट पर ले जा रहें है,साथ ही आरमदेह होमस्टे भी मुहैया करा रहे है।इन युवाओं ने 10 घरों को जिनमें तिवारी,खोली,है उन्हें होम स्टे के लिए तैयार किया हुआ है।साथ ही यहां का परम्परागत खाना भी सैलानियों को परोस रहे है,जिसमें मण्डुवे की रोटी,भटवणी,थिचवाणी,फाणू,चैंसू,कफली,तिल और भगजीरा की चटनी आदि प्रमुख है।यहां के पर्यटक स्थल चिरबटिया,बुरासखाण्डा,पंावलीकांठा,सौड बुग्याल,गंगी,भिलंगना पर भी जंानकारी पाराकुराली और बुरांसखांड पेज पर अपलोड की है। सैलानियों के फोन बुकिंग के लिए आने लगे है।
रूद्रप्रयाग के राका भाई जैविक खेती से कमा रहे है लाखों रूपये
जनपद रूद्रप्रयाग के जयमंडी गाॅव के राकेश सिंह बिष्ट अब युवाओं के प्रेरणा स्रोत बन गये है। जैविक खंेती और पशु पालन से लाखांे रूपये घर पर रह कर ही कमा रहे है।शहरी जिन्दगी से तंग होकर गांव लौटे युवा राकेश बिष्ट ने जैविक खंेती में शब्जियां,मसाले,फूलों की खेती का काम शुरू किया और वर्तमान समय में लाखों रूपये की इनकमा कर रहे है। उनके इस काम में उनका पूरा परिवार साथ देता है। साथ ही पशुपालन कर हजारों रूपये मासिक कमा रहे है। राकेश बिष्ट लाॅकडाउन में अपने घरों को वापस लौटे प्रवासी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुऐ है।
चमोली के पास बामडी गांव से बिक रही है आॅनलाइन तुलसी की माला
कोविड 19 के संक्रमण के चलते चारधाम यात्रा पर रोक लगी हुई है।इसके बावजूद यहां की तुलसी की माला आॅललाइन बिक रही है।बद्रीनाथ आने वाले श्रृद्धालू बद्रीनाथ धाम से सटे गांव बामडी से माला खरीद रहे है। तुलसी की ये मालायें 101 रूपये से 501 रूपये तक बिक रही है।गांव मंे 50 से अधिक परिवार रहते है।यंे ग्रामीण कृषि कार्यो के साथ साथ तुलसी की माला बनाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे है।
पौड़ी के युवा अनुज बिष्ट दे रहे है स्वरोजगार की प्रेरणा
पौड़ी गढवाल जहां पर गढ़वाल क्षेत्र का सबसे ज्यादा पलायन हुआ है।यहां के कटलस्यू पट्टी के पौडी कोटद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर ढाॅग के युवा अनुज बिष्ट ने ढेड साल पहले मुर्गी र्फाम का काम शुरू करा और और 50 हजार से ज्यादा गांव में ही रह कर काम रहे है।पेसेे से साप्टवेयर इंजीनियर अनुज बिष्ट देहरादून में एटीएम कम्पनी में नौकरी किया करते थे। लाॅकडाउन के बाद गाॅव में स्वरोजगार की राह तलास रहे युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुऐ है।
मकेश्वर (पौडी) यमकेश्वर में पहाड़ी क्षेत्र में लघु उद्योग स्थापित
यमकेश्वर (पौडी) यमकेश्वर में पहाड़ी क्षेत्र में लघु उद्योग स्थापित करने के मध्यनजर यमकेश्वर के वासियों और प्रवासियों के समूह से बना बेडू (ठतपहीज म्तं व् िक्मअमसवचपदह जजंतंाींदक) की महत्वाकांक्षी योजना की पहली कड़ी में आज एनिमल फार्मिंग का शुभारंभ यमकेश्वर के बिजनी गांव में भूमि पूजन कर डेयरी फार्म का कार्य का श्री गणेश कर दिया है। जिसमें सैकड़ों युवाओं को रोजगार मिलेगा और पलायन पर कुछ हद तक रोक लग पायेगी।

शहरों की दौडती भागती और स्वाथ्य के लिहाज से हानिकारक आवेाहवा से परेसान कई युवाओं ने अब अपने गांव के आस पास के इलाके में रोजगार तलासना शुरूकर दिया है। वर्तमान समय में सैकडों प्रवासियों ने दिल्ली मुम्बई,बैग्लूरू जैसे महानगरों से वापस आकर अपने गांव में स्वरोजगार अपनाया है और सकून की जिन्दगी जी रहे है।इसके अलावा प्रदेश भर में युवा उत्साहित होकर अपने अपने गांव में ही नई तकनीकी और बैज्ञानिक तरीके से स्वरोजगार की तलास कर रहे है। जिसमे सें कई युवा अपना प्रोजेक्ट बनाने में सफल भी रहे है।राज्य सरकार द्वारा प्रवासियों के लिए लाई गई स्वरोजगार योजना युवाओं के लिए काफी सहायक सिद्व हो रही है। इस योजना के अन्र्तगत बेरोजगार युवक किसी भी एक रोजगार को चुनकर अपना व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भता की ओर बड रहा है।

 

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