देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छों-युवा कवि जय इन्द्रदत की पाड़ की पीडा कविता का रुप मा आपका सामणी

       l        ll  देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छों  ll         l ” खैरी विपता क, अंधेरा अडैयती क, शुख क उज्याल थै,जगणो छँव । में कुइ ओर नी छँव मेरा बाल्वो , देव भूमि कु में पहाड़ ब्वानु छोंं ।।” देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छोंं । घुटटी- घुटटी ल्वेका मै आँसू प्यणो … Continue reading