जखोली मेला- कलश का गढभाषा कवि सम्मेलन मा रंगीन बणिन ह्युंचुळि कांठी,
लस्या अर बांगर का बीच बस्यां जखोली मा मौसम कु मिजाज सुधन का दगडि घामे चमाक का बीच मेला कु पांचवू दिन बडु खुशनुमा रे, स्कूली बच्चों का कार्यक्रम का दगडि महिला मंगल दलों का कार्यक्रम भी आयोजित ह्वैन, अर ब्याखुनि पैया तीन बजि बटि कलश कु गढवाली कवि सम्मेलनन मेळे रौनक बढै।
जखोली विकास मेला मा जख एक तरफ डांडीकांठयू बर्फ छे चमकणी तखि हैकि तरफ लोकभाषा आंदोलन अर संविधान की आंठवी अनुसूची मा शामिल कना वास्ता समर्पित उत्तराखंड की सुप्रसिद्ध कलश संस्था का रंगारंग कवि सम्मेलन का बीच लस्या अर बांगर का हजारों दर्शक ये आंदोलन का साक्षी बणिनन।
कलश संस्था का संस्थापक ओमप्रकाश सेमवाल जी का गीत कविता संचालन दगडि कवियों मा सर्व सुनील राज (तहसीलदार साब श्रीनगर), अनिल नेगी(एआरटीओ हरिद्वार ), जकार्ता इंडोनेशिया मा फसालत गुप्तकाशी का मनीष सेमवाल, लोकप्रिय कवि जगदंबा चमोला, उपासना सेमवाल, कविता भट्ट, नितीश भंडारी, अश्विनी गौड, नै छवाळि की बाल लिख्वार वंदना राणा, अर वेदिका सेमवाल समेत हजारों दर्शक साक्षी बणिन, गढवाली भाषा आंदोलन का तहत ये कवि सम्मेलन का।
सबसे पैलि जकार्ता इंडोनेशिया मा प्रोफेसर फौळी फसालत का मनीष सेमवाल जी -गौं मेरू बदिलिग्ये कैमू ब्वन्न अब,
कविता भट्ट-ऐगी मोल्यार यूं डांडी कांठयूं मा, तुम कब औला घौर,
नितीश भंडारी-क्या भंगुलू जमौण पकोडा बणोणो उत्तराखंड बणै छो,
वंदना-मेरा गौं का छोरा दारुन कर्लिन बर्बाद,
वेदिका सेमवाल- माया कू चढयू खुमार
अश्विनी गौड -मकान्यूं मा तिबार खोली परो संगाड
चुला मगो भड्डू, रीठा मगो कद्दू, क्या क्वे बिसरी सकदों, तुमी बोला दौ,
अनिल नेगी-ब्यालि यन मजाक हवे ब्याखुनि बगत रात मा,
उपासना सेमवाल-प्रिया मंदाकिनी ऐना बणी च, द्यवता कना सिंगार,
जगदंबा चमोला-त्वे बिना भग्यानी मेरा हाल माडा माडा छिन,
ओमप्रकाश सेमवाल-तु सर्वश्रेष्ठ बणी नि सकद त, क्वे बात नी, छोटू बणीक रौ,
सुनील राज -कोठियाडा की पावन भूमि देंदि आशीष स्वयं शिवालय,
स्यूर फुटगढ कूडी अधूली सामणि चौखंबा हिमालै,
गढभाषा का ये कवि सम्मेलन का दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, ब्लाॅक प्रमुख प्रदीप थपलियाल, चैन सिंह पंवार, महावीर सिंह पंवार,शिवसिंह रावत, विरेंद्र सिह राणा, शिव सिंह नेगी, डी एस रावत, दीपक भट्ट, विनोद थपलियाल, मनोहर ममगाई, समेत कै अतिथि लोग मौजूद छा।