सेवा में
श्रीमान त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी
माननीय मुख्य मंत्री
उत्तराखंड सरकार।
विषय:- भारत स्वच्छता अभियान को प्रभावी बनाने हेतु सुझाव।
महोदय,
जब तक हर भारतवासी के ब्यवहार में स्वच्छता का भाव एक संस्कार के रूप में प्रतिस्थापित नहीं हो जाता है तब तक स्वच्छ भारत का अभियान अपने लक्ष्य तक नही पहुँच सकता है। स्वच्छता के अभियान को सफल बनाने के लिए स्कूल स्तर से बच्चों के ब्यवहार में सफाई का भाव भरना होगा । अजैविक कूडा का निस्तारण सबसे ज्यादा परेशानी का सबक बना हुआ है। हमें इस दिशा में कठोर कदम उठाने में नहीं हिचकना चाहिए। मेरा सुझाव है कि
कुकिंग गैस बर्तमान में हर परिवार का सबसे ज्यादा आवश्यक बस्तु है। हर माह गैस की गाड़ी बिभिन्न क्षेत्रो में गैस आपूर्ति के लिए जाती है। इस गाड़ी के साथ एक कूड़े की गाड़ी भी साथ में भेजी जाय। किसी भी उपभोक्ता को तब गैस सिलिंडर दिया जाय जब वह एक किलोग्राम अजैविक कूड़ा दान करे। इससे यह होगा कि प्रतेक परिवार अपने घर का अजैविक कूड़ा/पोलिथिन इधर उधर फैंकने के बजाय जमा करेगा यहाँ तक कि एक किलोग्राम बनाने के लिए वह अपने घर के आसपास के अजैविक कूड़े/पोलिथीन को भी उठा उठा कर एकत्रित करेगा चूँकि उसे गैस सिलिंडर लेने के लिए 1 किलो अजैविक कूड़ा गैस बितरिक को दान करना है। ऐसा करने से अजैविक कूडे के फैलाव पर अंकुश लगेगा साथ ही कूड़े की गाड़ी में जमा अजैविक कूड़े का आशानी से प्रबंधन भी हो जायेगा। इस कूड़े से गाड़ी का खर्चा भी निकल जायेगा। धीरे धीरे लोगों के ब्यवहार में कूड़े के निस्तारण के प्रति स्वच्छता का संस्कार भी पनपने लगेगा।
महोदय हो सकता है मेरा यह पागलपन वाला सुझाव आपको भाता है या नहीं लेकिन यह जरूरी है कि जब तक हमारे संस्कारो में स्वच्छता का भाव जागेगा नहीं तब तक हमारे घर के चारों और कितने भी कूड़ेदान लगा दें हम कूड़ा खुली सड़कों पर ही पटगेंगे।
भवदीय
कल्याण सिंह रावत “मैती”
संस्थापक मैती आन्दोलन उत्तराखंड।