अब पढला ध से धगुळि ह सी हंसुळि-देखा पूरी खबर

अब पढला नोनिहाल ध से धगुळि ह सी हंसुळि

दीपक कैन्तुरा  की स्पेशल रिपोर्ट

 

  • मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत का  सहरानीय प्रयास की सोशल मीडिया पर होणी वाही-वाही ।
  • पौड़ी का बाद रुद्रप्रयाग मा भी जल्दी होलु लोकभाषा कु पाठयक्रम तैयार।
  • रुद्रप्रयाग का डीएम मंगेश घिल्डियालन बोली की रुद्रप्रयाग मा ये पर लोकभाषाविद ये पर तेजी सी काम करणा च।
  • पौड़ी मा पायलट प्रोजक्ट का बाद उत्तराखण्ड मा लागू होली लोकभाषा पाठयक्रम मा ।
  • कक्षा एक   मां पढाये जालि धगुळि कक्षा द्वि मा हंसुळि , अर कक्षा तीन मा छुबकि अर कक्षा 4 मा पैजाबि कक्षा पाँच मा झुमकि। ।
  • कंडोलिया मैदान पौड़ी 50 साल वाला कार्यक्रमा मुख्यमंत्री रावत न करी घोषणा ये सत्र बटि पढाये जाली बोली भाषा।
  • विनसर पब्लिकेशन प्रकाशित करणे की जिम्मेदारी निभै।

पौड़ी- गढवाल कमीशनरी का पचास साल पूरा होंण पर पौड़ी गढवाल तैं  मुख्यमंत्री न कै सौगात दिनीन। जै मा पौड़ी की सूखी- डांडीयों मा मोल्यार औंणे की नई आस जगी अर  सबसी बडी आस जगी बोली भाषा की  सौगात च की लोकभाषा तैं कक्षा पाँच तक की पाठय पूस्तकों मा शामिल किये गी । अब पौड़ी का जथका भी सरकारी स्कूल च ऊंमा गढवाली भाषा तैं पढाये जाली । या आस 18 सालों से थै की कब अपणी बोली भाषा अपणी पछ्याण बणली। यु पैलु मौका च अर यीं पैला मुख्यमंत्री च त्रिवेन्द्र सिंह रावत जौंन अपणी दुध बोली तैं सम्मान दिनी। अर पाड़ी बोली तैं पाठयक्रम मा शामिल करी। अर येका खातिर 40 लाख कु प्रस्ताव सचिव शिक्षा तैं भ्यज्ये गी। भाषा विदों कु बोलणु च की  । या पहल गढवाली बोली रोजगारपक बणि सकली। डीएम धीराज सिंह गब्यार्ल की यीं पहल की सुरुवात सबसी पैली पायलेट प्रोजक्ट का तौर पर केवल पौड़ी  ब्लाक का स्कूलों सी होंदी जाणी च। लेकिन 29 जूनक गढवाल मंडल की स्वर्ण जयंती समारोह मा । पोंछी पिछला दिनों मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत न पौड़ी का कंडोलिया मैदान मा यीं पहल की ना सिर्फ सहराना करी। बल्कि पूरा जिला मा ही येतें लागू करणे की  घोषणा करी दिनी थै। ऊंन पाँचवीं तक तैं बणी गढवाली  बोली की किताब्यों का विमोचन करदा । लेखक मंडल तैं सम्मानित किये गी थौ।गढवाली बोली की किताब्यों मा शामिल करीक तैं । यैकी पढवाई शुरु कराये जाणी च। महज 5 माह मा एनसीईआरटी मानकों कु ध्यान मा रखदा ह्वे। पाँचवी तक की पुस्तकों कु पाठयक्रम तैयार किये गी।

गढरत्तन नरेन्द्र सिंह नेगी-  बर्षों की तपस्या का बाद या तपस्या साकार ह्वे बर्षों बटिन लोकभाषा का लेखक यीं मुहिम मा जुड़या था जैकु लोकापर्ण मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत जी न कैरी अर या किताब नई छंवाली तैं भौत उपयोगी साबित होली अर यीं किताब का प्रति मुख्यमंत्री जी कु सकारात्मक रुख दिखेयेणी अर ऊंन बोली की। जु भी साहित्यकार अपणा जिला का खातिर पाठय पुस्तक तैयार करी सकदा सरकार पूरी मदद क तैं तैयार च।

 कक्षा 4 किताब मा नेगी जी का गीतों तैं भी समावेश किए गी जैमा आवा  डाली बनी बनी की  लगावा जना पर्यावरण  गीत शामिल च।  अर कक्षा पाँच की किताब मा लोकगीत शामिल च। या किताब चौदह लेखकों न तैयार करी अर वैमा गणेश गणि समिति का संयोजक च।

पदमश्री प्रीतम भरतवाण – या एक ऐतिहासिक पहल च अर हमारी दुध बोली कु सम्मान च य़ लोकभाषा तैं शामिल करण सी हमारी नई पीड़ी भी यीं लोकभाषा तें पढली अर जाणली अर अपणी बोली भाषा मा लेखली अर बोलली यें का खातिर हम मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी कु दिल सी आभार ब्यक्त करदन।

 किताब मा अपणी भूमिका निभाणा अध्यापक व लोकभाषा का रचनाकार

– धर्मेंन्द्र सिंह नेगी-  सरकार की या ऐतिहासिक पहल च अर येमा सबसी बडी भूमिका माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत जी की च अर पौड़ी का डीएम डीएस गब्र्याल की च अर जैकु इंतजार 18 सालों बटिन तै इंतजार की घड़ी खतम ह्वेगी।

डा. विरेन्द्र बर्तवाल – सरकार की या अच्छी पहल च । पौड़ी का बाद भी अन्य राज्यों मा मी बोली भाषा-पाठयक्रम मा शामिल होंई चेंदी अर बात च की पढोंण वाला भी यना लोग होंया चेंदा जौंतें शब्द उच्चारण कु पूरु पता हो। अर ऊ भाषा का बारा मा भली भाँति जाणदा होला अर या कक्षा पाँच तक न या 12 वीं तक लागू होंई चेंदी।पता चली की पाँच तक गढवाली बोली अर अगवाडी जै तें बिसरीगि यनी नौबत नी आंई चेंदी।

बलदेव राणा- या 19 साल मा सरकार की बडी सफलता च सरकार बोली भाषा संस्कृति का प्रति सजग च युंही परिणाम च की आज पौड़ी बटिन लोकभाषा तें पाठयक्रम मा शामिल करणे की पंवाण शुरु ह्वेगी जु बडी खुशी की बात च आजतक कै भी सरकार न यें पर पहल नी करी।

रमाकांत बेंजवाल- पौड़ी सी पाठय पुस्तकों मा लोकभाषा की पंवाण सी हमारी बोली भाषा खूब फलली फूलली अर अगनै बढली अर यु पाठयक्रम सरकारी ईस्कूलों का अलौ अन्य प्राईवेट ईस्कूलों मा भी लागु होंई चेंदी अर या भाषा उत्तराखण्ड का हर ईस्कूल मा 12 वीं तक पढायें जाण चेंदी। जैसी हमारी दुध बोली रोजगारपरक बणि सकु ।

लोकगायिका रेखा धस्माना उनियाल- लोकभाषा ते पाठयक्रम शामिल करण भौत अच्छी बात च। जब बोली भाषा किताब्यों मा शामिल होली बच्चा भी अपणी बोली भाषा मा बात करला अर लरकार तैं पौड़ी ही ना पूरा 13 जिलों मा शामिल करी चेंदी।

लोकभाषा पाठयक्रम मा शामिल होंण पर उत्तराखण्ड का लोकभाषा साहित्यकार लोकगायकों मा लेखको व कला जगत माँ खुशी की लहर च त वखि सोशल मीडिया पर देश विदेश का लौग मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह यें रावत की पहल तैं लोकभाषा तें मील कु पत्थर बथाणा च। अर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत कु आबार जताणा च।

 

 

 

 

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