उत्तराखंड में घराटों की क्या स्थिति है-देखिये हमारी खास रिपोर्ट

एंकर- घट कु पिस्यों देखा जनु

 मखन जांदरी सिल्येगिन अब देखण कखन

दीपक कैन्तुरा /रिपोर्ट

यु गीत आज की स्थिति पर ऊ घराटों पर फिट बैठणु च जौंका बिगर कभी हमारु जीवन अधुरु होंदू थौं । अर जीवन जेणा कु सहारु थौ आज यी घट अब धीरे धीरे हरचण लेगी । हम यीं रिपोर्ट मा बथौला पाड़ मा घटों की क्या स्थिति च क्या घट पूनर्जिवित ह्वेगी की बांझा पडिगिन देखा हमारी यीं खास रिपोर्ट तें ।

ना क्वी जनरेटर , न क्वी बिजली, ना क्वीं सुरंग अर ना क्वी धुआ न क्वी प्रदुषण । न प्रकृति का दगडी क्वीं छेडछाड बल्कि प्रकृति का खातिर जु संरक्षँ कु काम करदी। यनी मशीन बणै थे हमारा पूरखों न जैकु नौंउ दिनी थौ घट पूराणा लोग जु अपणा गौं मा रै होला ऊमं घट का बारा मा भलि भांति समझदन पर जु हमेशा शहरों बजारों मा रैन उ नी जाणदा होला चला आज यीं रिपोर्ट मा हम आपतें घट का बारा मा बथौणा च । पैलि का जमाना मां बेटी ब्वारीयो अर गौं का लोगों की पहली जरुरत थै  जुं लोगों न घट देखी सी क्या बोलदन ऊंका ही मुख सी सुणा।

वीओ- यदि आप पाड़ की तरफ जाणा होला त गाड- गदेरों मा आपतें द्वि चार घट जरुर दिख्ये जाला । भले यी घट आज बांझा पडियां च पर आज आल्दा बिल्दा जगों पर आज भी घट चलणा च।

चला आपतें दिखोंदन घटों की क्या स्थिति च।

 क्या च घट एक नजर घट पर

घट- एक मजबूत ठुगा कु बणियों रेंदू घट जैकु वजन 40 से 50 किलो तक होंदू

भ्यरण- भ्यरण मा जब पडाला सी तेज पाणी पडदू त घट चलदू जु थुनैर की बणि हौंदी

पंवालु- जु भैरण पर पर पंखेडा बणिया रेंदन  सी थूनैर अर कौलेंका बणिया रेंदन

रीडू- जै पर अनाज डालदन वैतें रीडू बोलदन जु रिंगाल या चदरी कु बणियों रेंदू

पंडालु- पंडालु क्वलेंकु बणियों रेंदू जैसी भैरण मा पाणी जांदू

घट तें सबसी जरुरी च सुआ

जु घट तें उचियोण अर निस्योण कु काम करदु

यी  घट का बारा मा की घट कनक्वे बणदू।

घट कु  पिस्युं आटू निरोगी होंदू एकदम शुद्ध अर ताजु आटू रेंदू अर युं आटू जनु मखन रेंदू जबकी चक्की कु पिस्यों आटू गरगरु रेंदू अर आटे की शुद्धता की क्वीं गारांटी नी जबकी घट कु पिसयों आटू सालों तक खराब नी ह्वे सकदू अर शुद्धता की गारांटी च । आज कखी कखी घट ज्यादा च अर यु घट च  घनसाली क्षेत्र दौंणी कु अवतार सिंह नेगी कु जु आप यु चित्रों मा देखणा च

 यु हमारा बुजर्गों कु लोकविज्ञान थौ। घट का बिगर जीवन अधुरु थौ । घट केवल रोजगार कु साधन मात्र नी थौ बल्कि घट सी पाड़ का लोगों कु बडु नातु थौ। आटा पिस्यां बदला हम घट का स्वामी तें भवाडी देंदा था। ये घट का बाना लोग पाणी तें भी गोटिक तें रेंदन  अर वै पाणी सी डोखरी पुंगडीयों तैं सिंचदा था पर जब अब घट ही हरची गी त लोग सभी धाणी बिसरी गी । जख कभी हर गौं मा घट होंदा था पर हम लोग युं घटों की तरफ ध्यान नी देणा  त यीं यादों मा अर गीतों अर फोटों मा सिमिटिया रै जाला अर अपणी छवाली तें फोटो मा ही बथौला योंते घट बोलदा था।

 

 

 

 

 

                        

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *