रसियन की नोनी बणि पाड़ की ब्योली-लिंक खोलिक पूरी खबर देखा

रसियन की  लडकी बणि पाड़ की ब्योली

दिग्बीर बिष्ट (उत्तरकाशी)

 उत्सतरकाशी- हिन्दुस्तान का लोगों की  हिन्दुस्तान  का प्रति खास लगाव रै। पर जब उत्तराखण्ड की हो त य़क कुछ सालों सी कै विदेशी नोनी पाडी ब्योली बणिगी। विदेशी नोनियों   पाड का नोन्यालो  सी दिल लगी देखी नेगी जी कु यु गीत माछी पाणी सी जू तेरु-मेरु गीत की पंक्ति सटीक बैठदी।

  एलेना जब उत्तरकाशी का एक नोन्याल सी दुबै मा  मिली त वैन सोचली छो की।  अब ब्यो कन त प्रदीप का ही दगडा । भगवान बाबा विश्वनाथ का मंदिर मा द्वियोंन। अपणा परिवार वाला अर नाता रिस्तादारों का सामणी सात फेरों का सात बचन लेकी तैं  एक हेका का ह्वेगी।

 2016 मा प्रभाते की मुलाकात एलेना सी दुबई मा ह्वे थै।दुबई मा द्वि होटल मा करदन। मठु-मठु कैक तें एक हेका नजदीक ओंण लेगी। अर दोस्ती कब प्यार मा बदल्येणी समै कु पता भी नी लगी।  द्वि एक हैका ज्यू पराण ह्वेगी। ब्यो कन सी पैली ऐलेना हिन्दुस्तान आई । जख वैंते भारतीय संस्कृति अर यख का रीति रिवाज बार त्योहार पंसद आई। अर एलेना न मन मा ठाणियाली की अब त ब्यो गढवाली  परम्परा संस्कृति सी क्ये जालु। अर वा पाडी ब्योली बणिगी अर मांगलों का बीच  दाल की पकोडी की रस्याण  ढोल- दमौ मस्कबीन की छाप का दगडा यु ब्यो एक यादगार ब्यो बणिगी।

  ये मैना एलेना अपणा माता –पिता व एक दगडया का दगडी उत्तरकाशी पहुंची। द्वियों का कुटम्दारी का लोंगों न। अलग- अलग जगा पर मेहंदि की रस्म पूरी किए गी।सुबैर मा मंगल – स्नान का बाद भगवान काशी विश्वनाथ पोंछिन अर यख की परम्परा सी विधि- विधान सी ब्यों की सारी रस्मे पूरी करली। उत्तरकाशी का ज्ञानसू मा अब पहाड़ की बणि यीं ब्योली की मीडिया का सोशल मीडिया से लेकी देश विदेश मा खूब चर्चा बणि च । बैण भी किले नी रसियन की नोनी बणि पाड़ की ब्योली।

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