सरकारी अस्पतालों में ट्राॅमा सेन्टरों की बड़ती मांग!उत्तराखंड कहां?- डॉ एस.एन. सिंह सीनियर ऑर्थो सर्जन कोरोनेसन अस्पताल।
विकट भौगोलिक भू-भाग व नवोदित राज्य होने के कारण उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं की हालत अतियंत दयनीय है। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की बात की जाये तो समूचे उत्तराखंड में एक भी सरकारी अस्पताल ऐसा नही है जिसमें सम्पूर्ण स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध हो। पर्वतीय जिलों की बात की जाय तो यहां के अस्पताल सुविधाओं के आभाव में रेफर सेंन्टर बने हुए है। आलम यह कि अगर छोटी मोटी बीमारी के इलाज के लिए भी देहरादून व अन्य बडे शहरों की ओर रूख करना पढता है। गम्भीर बीमारी में आधे से अधिक लोगों की जान रास्ते में चले जाती है।एक मात्र लाईफलाईन कहे जाने वाली 108आपतकालीन सेवा की हालत भी कुछ ज्यादा ठीक नही है। जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाओं की हालत और भी गंभीर होती जा रही है।
जैसे जैसे 21 वी सदी बदल रही है, हमारी जीवन शैली में भी महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहे है।दिन-प्रतिदिन डिजिटल इंडिया और मोबाइल फोन के बडते उपयोग के कारण जीवन में आपाधापी बड़ गई है।यहां हर आदमी आगे बढने की कोशिस में है लेकिन हमारा इन्फरास्ट्रेक्चर बढती जनसंख्या के कारण इसे र्बदास करने में असक्षम है। बढती वाहन संख्या,खराब सडकें, सडक किनारे लगे चमकते व ध्यान भटकाते होलडिंग,शराब व अन्य नशे में चलते अनियंत्रित वाहन, और वाहन चलाते समय मोबाईल फोन का प्रयोग के कारण सड़क दुर्धटनायें लगातार बडती जा रही है। और यह सब कारण जटिल चोटों के कारक है जिसके लिए हमें आपातकालीन ऐेसे अस्पतालों की आवश्यकता है जहां सभी प्रकार के स्पेस्लिस्ट डॉक्टर व अत्याधुनिक सुख सुविधायें उपलब्ध हो। जहां सिर की चोट के लिए न्यूरोसर्जन,छाती की चोट के लिए चेस्ट सर्जन,ऑर्थो सर्जन,जनरल सर्जन,रेडियोलोजिस्ट,24घंटे पूरी टीम के साथ मौजूद हो।इस सेंन्टर को ट्रामा सेन्टर कहते है। लेकिन दुभाग्यवस अभी तक उत्तराखंड के सरकारी अस्पताल में अभी तक एक भी ट्रामा सेन्टर उपलब्ध नही है,यह इस बात का प्रमाण है कि 18 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक की सरकारें जनता के स्वास्थ्य के प्रति कितनी गंभीर है। अभी भी वक्त है सरकारों को सक्षम संस्थाओं के साथ मिलकर प्रदेश के हर जिले में कम से कम एक ऐसा ट्रामा सेंन्टर खोलने की जिससे प्रदेश की सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की हालत में सुधार हो सकेगा।तभी पहाडी जिलों से पलायन रूक पायेगा और स्वस्थ उत्तराखंड आर्थिक खुशहाली की ओर बढ़ सकेगा।
-भानु प्रकाश नेगी,सोशल विकास।