सब जिला अधिकारी हो जाय जैसे हैं मंगेश -तो क्यों नहीं तरक्कि करेगा देश-जानिये मंगेश घिल्डियाल जी का बच्चपन से लेकर जिला अधिकारी बनने तक का सफर

रुद्रप्रयाग को आत्मनिर्भर बनाना मेरा लक्ष्य- मंगेश
• महिने के हर सोमवार को लगाते सुबह 11 बजे से जनता दरवार।

• रुद्रप्रयाग शिक्षा के सुधारीकरण के लिए लक्ष्य प्रोजक्ट बनाकर कर रहे सुधार
• माता उषा घिडियाल पिता वृजमोहन घिड़ियाल
• जल सरक्षण व आजीविका के लिए कर रहे हैं पहल
• महिलाओं को आत्म निर्भर बनाना व किसानों की आय दोगुनी करना है लक्ष्य
• बोली भाषा संस्कृति के संवर्धन के व प्रचार प्रसार के लिए समर्पित है ।
• जनता को परेशान करने वाले अधिकारियों को नही बक्शा जायेगा।
• जनता को ऋण लेने व सरकारी योजनाओं का जनता को कैसे मिले लाभ के लिए सारथी मोबाईल के जरिये करवा रहें आसानी से ऋण

 

 

वह जो शोर मचाते हैं वह भीड़ बनकर रह जाते हैं

 

वही पाते जिन्दगी में कामयाबी जो खामोशी से अपना काम कर जाते हैं
यह पंक्ति सटीक बैठती है रुद्रप्रयाग जनपद के लोकप्रीय कर्मयोगी कर्मठ मृदु व्यवहार के धनी जिलाअधिकारी मंगेश घिल्डियाल पर उनका का जन्म पौड़ी जनपद के अन्तगर्त ग्राम डांडयूं में धूमाकोट तहसील में एक सामान्य परिवार में हुआ । उनके पिता प्राईमरी स्कूल में हेडमास्टर हैं और माता जी गृहणी हैं मंगेश की प्राथमिक शिक्षा ग्राम डांडयूं में हुई और आगे की शिक्षा 6 किलोमीटर राजकीय पटोटीया में हुई इंटर की परिक्षा रामनगर से पास की बीएसी राजकीय स्नाकोत्तर रामनगर से एमएससी डीबीसी नैनीताल कुमांऊ यूनिवसिटी से पढ़ाई के साथ दो भायों बहिनों की भी पढ़ाई के जिम्मेदारी को लेते हुए साथ इन्दोर से लेजर सांईस से एम. टेक किया 2008 से 2011 तक वैझानिक के पद पर रहे हैं । 1 साल तक आई. पी. पी एस की नोकरी के साथ प्ररिशिक्षण भी लिया अपनी मेहनत व लगन दृढ़ इच्छाशक्ति से 2012 में मंगेश का चयन आई, एस. एस में उत्तराखण्ड कैडर में सलेकशन हुआ । आई एस. एस में चयन के बाद पिथोरागढ़ व लकसर चमोली जैसे जनपदों में अपने कार्यों से लोकप्रीयता हासिल करने बाद 2012 से रुद्रप्रयाग में अथक मेहनत व प्रयास से फिजा को संवारने में लगे मंगेश , स्वच्छता चोपाल, खुले में शोच से मुक्त, महिला शक्तिकरण के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं अपने अनुठे कार्यों से अपने छवि बनाने वाले और सोशल इंजनियर के नाम से प्रसिद्ध तेज तर्रार जिलाअधिकारी रुद्रप्रयाग के विकास के लिए क्या अन्य क्या कार्य कर रहे हैं इस पर सोशल विकास के उप- संपादक दीपक कैन्तुरा ने लंबी बातचीत की ।


प्र-1 आपकी पृष्टभूमि क्या है
उ- मेरा जन्म ग्राम डाडयूं पौड़ी गढवाल धूमाकोट तहसील में हुआ सन—अब पिता जी हेड मास्टर हैं मेरी प्राथमिक शिक्षा 1 से पाँच तक डाडयूं में हुई 6 से लेकर आठ तक की पढाई उच्च प्राथमिक विद्यालय पटोटिया में हुई जो गाँव से 5 से 6 किलोमीटर पढ़ाई के लिए जाना पडता था इंटरमिडियट रामनगर से और बी. एसी रामनगर पीजी काँलेज एम. एसी कुमाऊ विद्यालय नैनीताल से किया एम एसी फिजिक्स से किया । एम एसी करने के पश्यात एम .टेक लेजर सांईस इन्दोर से किया और भावबा टेक्निकल रिसर्च सेंटर एक प्रशिक्षण लिया
प्र-2 आई एस बनने से पहले आप – किन- किन पदों पर कार्यरत रहे है?
उ- 2008 से 2011 तक में वीआरडीओ( वैज्ञानिक) के पद देहरादून में कार्यरत रहा – फिर-2011 में मेरा चयन आई. पी एस उत्तराखण्ड कैडर में हुआ एक साल तक मैं आई पी एस में रहा और प्रशिक्षण भी लिया। उसके तत पश्यात 2012 में उत्तराखण्ड कैडर आई एस में मेरा चयन हुआ । पहली पोस्टीग पिथोरागढ़ में हुई, दूसरी लक्सर तीसरी चमोली ,चोथी रुढ़की पाँचवी चमोली 6 वीं बागेश्वर और 7 वीं पोस्टिग रुद्रप्रयाग जनपद में कार्यरत हूं ।


प्र-3 जब आपने जनपद रुद्रप्रयाग कार्यभार संभाला तो आपके सामने क्या क्या प्रमुख चुनोतियां थी ?
उ- जब मैनें रुद्रप्रयाग जनपद में कार्यभार संभाला तो उस समय सबसे बड़ी चुनोती थी की आपदा के बाद यात्रा को कैसे सुचारु रुप से पुन प्रारारम्भ किया जाय केदारनाथ यात्रा चरम पर थी पहली चुनोती थी की यात्रा को सुचारु रुप से संचालित करना । यात्रा के समय पर कुछ स्थानीय लोगों की समस्या थी और कुछ यात्रियों की उसको दूर करने के भरपूर प्रयास किये गये पर बीच यात्रा में इनहें ठीक करना इतना आसान नहीं था फिर भी मैंने होटलो व हेलीकाँप्टर कम्पनीयों, घोड़ा खच्चर संचालकों, होटल मालिकों पर छापा मारकर दोषी पाये जाने वाले लोगों पर कार्यवाही की गयी जितना संभव हुआ प्रयास किये गये ।


प्र-3 शिक्षा और स्वास्थय के क्षेत्र में आपके द्वारा क्या-क्या प्रयास किए जारहे हैं ?
उ- मैंने हर स्तर की शिक्षा को मध्य नजर रखते हुए हमने एक मोबाईल लक्ष्य प्रोजक्ट मोबाईल एप तैयार बनाया हुआ है सबसे पहले हमने प्राथमिक शिक्षा के सुधारीकरण के लिए प्रयास किया गया इससे हम हर बच्चे व हर अध्यापक की देख- रेख कर रहा है अध्यापकों दिशा निर्देश दिए जारहे हैं और हम हर महिने हम अध्यापकों को लग रहा है की कोई हमें भी देख रहा है इतना ही नहीं हम हर विद्यालय को महिने में पत्र भेजते हैं की आपका विद्यालय ठीक चल रहा है या नही चल रहा इसकी चेकिंग मैं खुद कर रहा हूं जिससे हर अध्यापक की देख –रेख होरही है उनहें लग रहा है की कोई न कोई मुझे देख रहा है। जिससे थोड़ा बहुत पढ़ाई के लेवल में सुधार आने की संभावना हैं । कक्षा पाँच के बच्चों को हर महिने की 8 तारिक को नवोदय विद्यालय व सैनिक स्कूल में एक प्रैक्टिस टेस्ट सीरिज को चला रखा है करवा जारहा है जिससे आने वाले समय में उनहें नवोदय विद्यालय व सैनिक स्कूल के परिक्षा देने में आसानी होगी । इसके अलावा इंटरमीडियट बी. एसी वालों छात्र- छात्रों के लिए आँन लाईन आईटी कोचिंग शुरु की गयी जी आईसी रुद्प्रयाग , नवोदय विद्यालय रुद्रप्रयाग इसके अलावा हम आँफ लाईन कोचिंग अगस्तमुनी में चलाई जारही है जिसमें आईटी, व एम-बी.बी एस जिससे हमारे चार 5 विद्यालय जुड़े हुए हैं आज की तारिक में हमारे जनपद में 200 से लेकर 300 बच्चों कोंचिग ले रहे हैं इसके अलावा उच्च शिक्षा में हम सभी अधिकारियों ने मिलकर एक कोचिग इनस्टीयूट खोल रखा है जिसमें हम फ्री में बच्चों को आई एस पीसी एस का नि शुल्क परिक्षण दे रहे हैं। उम्मीद कर रहे हैं की हर क्षेत्र में काम करके कुछ न कुछ पलायन रुकने की संभावना है ।
स्वास्थय के क्षेत्र में हम लोग प्रयास कर रहे हैं जो दूरस्थ क्षेत्र च जैसे उखीमठ, होगया गुप्तकाशी होगया तो हमने जैसे उखीमठ में एकसरे शुरु की गयी अगस्तमुनी में एकसरे अल्ट्रासाउड शुरु किया गया इस के अलावा जिन दूरस्थ क्षेत्रों से लोग नही आ पारहे हैं उनके लिए में जिला चिकित्सा अधिकारी द्वारा लगातार कैम्प लगवाये जारहे हैं इसके अलावा खून की जाँच केवल जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग में होती है पर हम लोग खून का सेंम्पल लेकर रुद्रप्रयाग में उसका टेस्ट करवा रहे हैं कुछ कोशिश कर रहे हैं की स्वास्थय के क्षेत्र में भी कुछ परिवर्तन हो

प्र-4 आपको आई एस बनने की प्रेणा कहाँ से मिली?
उ- मेरे प्रेणा स्रोत्र मेरे ताउ जी स्व मनोहर प्रसाद घिड़ियाल जी हैं जब में कक्षा आठ में था तो तब से में उनहीं के साथ रहता था तब ताउ जी कहते थे की यदि कोई सबसे अचछी सेवा है वह आई. एस. एस की हैं आज जो में हूं वह उनहीं की प्रेणा से हूं ।
प्र-6 रुद्रप्रयाग में स्वजल योजनाओं में बहुत- धांधली सामने आरही है इस पर आप क्या-कार्यवाही कर रहे हैं?
उ- स्वजल तें हमारे गाँव में लोग समझ नहीं पा रहे हैं इस विचार को यह योजना 2 अक्टूबर 2014 से शुरु हुई । जिनके शोचालय 2014 से पहले बने हुए हैं वह इस योजना से आछादित हैं पैंसा नही मिल रहे हैं । जिनके पास 2014 के बाद जिनके शोचालय नहीं थे तो उनके शोचालय स्वजल से बनाये जा रहे थे इसमें 2012 में बेस लाईन सर्वे हुआ 2012 में जिनके शोचालय नही बने हुए थे तो उनकी लिस्ट स्वजल में दी गयी हो सकता है इसमें कुछ नये परिवार आये हुए हैं जो कुछ छूट गये होंगे उनको हम मनरेगा में बनवा रहे हैं । सरकार की बहुत ही बडिया योजना थी कैसे सब के शोचालय बनाये जारहे हैं हमने कोशिश की सभ जगह शोचालय बनाये जांय पर जहाँ शिकायत मिल रही वहाँ पर हम जाँच कर रहे हैं ।
प्र-7 कई गाँवों में प्रधानों द्वारा शोचालय के नाम पर 2000 हजार रुपये वसूले जारहे हैं ? इसका क्या मतलब है
उ- आप बिल्कुल सही कह रहे हैं की एसी कई शिकायतें आई हैं की जिनके पहले के शोचालय बने हैं वह उनके भी पैंसे दिए जारहे हैं और लोगों से 2000 हजार रुपये लिए जारहे हैं इन पर जाँच की जारही है एसी शिकायत मिलने पर हमने एक आत गाँव के प्रधानों अधिकार सीज कर दिए हैं यदि कोई भी एसी शिकायत मिलती तो इस पर जाँच करके दोषीयों को सजा दिए जायेगी जनता एसी शिकायतें जब कोई नही सुनता तो मेरे से करें ।


प्र-8 दूगड्डा से खल्वा तक 2005 में उध्यान विभाग द्वारा एक माल ट्राली लगाई गयी थी जिसपर पुरे 19 लाख खर्च हुए ट्राली जंक खारही है इस पर आप क्या कार्यवाही कर रहे हैं?
उ- आप सही कह रहे हैं की उद्यान विभाग द्वारा सन 2005 में दुगड्डा का अलावा कई जगह उद्यान विभाग द्वारा ट्राँली लगाईलगयी थी जैसे सब्जी व स्थानीय उत्पादों को ढूलान के लिए पर यह योजना कहीं भी परवान नहीं चढ़ी है कहीं अधुरी है कहीं ट्राँली का कार्य पुरा हुआ है पर वह भी बंद है क्यों की यह योजना परवान न चढ़ सकी । और कहाँ – कहाँ ट्राली लगी मैंने उद्यान विभाग से पुरीलिस्ट मांगी है वैसे भी मामला पुराना है यदि हम देंखेंगे की कितना पैंसा बचा हैं यदि पैंसा बचा होगा तो पुन चालू करने का प्रयास किया जायेगा ।

प्र-8 आप एक युवा हैं पहाड़ के पानी और जवानी कैसे पहाड़ के काम आयेगा ?
उ- मेरा यह प्रयास है की पहाड़ के युवाओं को कैसे पहाड़ में रोजगार दिया जायेगा उस पर मेरा जौर है। बहुत से एसे लोग हैं अब पहाड़ों के लिए पलायन कर रहे हैं यह तभी संभव हो सकता जब हम उनहें सरकारी योजनाओं का बराबर लाभ दे उनकी मदद करें सकें इसके लिए हमने एक सारथी मोबाईल एप बनाया जिसके लिए युवा घर बैठे ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं और में समय- समय पर इसकी चेंकिग करुगा उनहे ऋण मिला की नहीं मिला । हमने युवाओं को कृर्षि, उधयान, से युवाओं को डजोड़कर युवाओं का पलायन रोकना
दूसरी बात है जल – संरक्षण हमारी सरकार कू विशेष फोकस च का की पहाड़ के पानी को कैसे पहाड़ के काम में लाया जाय और उसको बचाया जाय पानी लोगों के पीने व सिचांई के काम भी आसके जल संरक्षण के लिए कई ग्राम पंचायत काम कर रही हैं जो अच्छा काम कर रहे हैं उनहें हम पुरुस्कृत भी कर रहे हैं ।


प्र-9 – आपने स्वच्छता चौपाल की शुरुआत की है? इस के बारें में पाठकों को विस्तार से बतायेगे ?
उ- जी हां हमने नगर पालिका परिषद रुद्रप्रयाग के प्रत्येक वार्ड में स्वच्छता चौपाल की शुरुआत की है। इसके लिए हमने प्रत्येक सप्ताह के बुद्धवार को सांय 7 –बजे से रात्री-10 बजे तक एक वार्ड में महत्व पूर्ण विभागों जैसे राजस्व, शिक्षा, पेयजल, वन विभाग इत्यादी विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति में रात्री चौपाल आयोजित करते हैं। इसका मुख्य उदेश्य है की नगर पालिका क्षेत्र जो मुख्यालय के सबसे निकटतम क्षेत्र है । नगर क्षेत्र को स्वच्छ बनाये रखने के उदेश्य से हमारे द्वारा प्रत्येक वार्ड में स्वच्छता चौपाल लगाई गई। जिनमें स्वचछता बनाये रखने हेतु प्रत्येक चौपाल में स्थानीय कलाकारों द्वारा नुक्कड- नाटकों के माध्यम से नगरवासीयों को स्वच्छता के प्रति जागरुप किए जाने के प्रयास किए गया , जिसके अच्छे परिणाम निकले हैं । इसके अतरिक्त इन स्वच्छता चौपालों के माध्यम से हम जनता से भी स्वच्छता के संबध में फीडबैक लेते हैं और उनके सुझाव भी आमंत्रित करते हैं। आज रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र स्वच्छता के क्षेत्र में पहले की उपेक्षा काफी आगे आ चुका है तथा क्षेत्रवासी जागरुप होगये । इसके अलावा
रुद्रप्रयाग जनपद में ग्रामीण क्षेत्र तो शोच मुक्त तो होगया है खुले में शोच मुक्त शहरी क्षेत्र में भी हमने सभी नगर पालिकाओं को कर दिया है खुले में शोच मुक्त अब हम जमीन चयनित करवा रहे हैं ट्रेजिंग ग्राउड के लिए की हम कुड़ा- करकट कहाँ पर फेंके हम तिलवाड़ा अगस्तमुनि सभी जगह जमीन चयनित करवा रहे हैं और जितने भी नगरपालिका अधिशासी अधिकारी होते हैं वह आजकल सुबह सुबह रोज चेंकिग पर जा रहे हैं की कोई सड़क पर कूड़ा तो नहीं फेंक रहा खुले में शोच तो नहीं कर रहा है ।उनकी रोज की सूचना हमारे पास आरही है ।
प्र-10 रुद्रप्रयाग का जिला मुख्यालय मुख्य बजार से दूर है जहाँ तक पहुंचने पर आम आदमी को बहुत दिक्तों का सामना करना पडता है इसको दूर करने के लिए क्या प्रयास किए जारहे हैं ?
उ- हमने इसके लिए परिवहन विभाग से ई- रिक्शा के लिए प्रमिशन मांगी है जैसे प्रमिशन मिलती तो हम तुरंत ई- रिक्शा की सेवा शुरु करेंगे । जिससे जनता को जिला मुख्यालय पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होगी।

 

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