उत्तराखण्ड मा पत्रकारिता कू इतिहास अर विकास की सोच
उत्तराखण्ड मा पत्तरारिता कू इतिहास अर विकास की सोच।
पैळी रेडियों घर मा अब मुबैल हर हात मा
दीपक कैन्तुरा ( रंत रैबार )
हमारु देश एक लोकतांत्रिक देश मा पत्रकारिता तें चोथो स्तभ माण्ये गे देश व प्रदेश क विकासक पत्रकारिता कु सबसी बडु योगदान च जै तरह सी समाज म लेखक साहित्यकारों तैं समाज कु आईना माण्ये जांदू वै प्रकार सी पत्रकारिता की लोकतंत्र मा सबसी बडु योगदान च। पाड़ मा पत्रकारिता की पंवाण लगभग बीसवी शदी का पैला दशक व्हे सबसी पैली अल्मोडा सी शक्ति पत्रिका कु प्रकाशन व्हे 1901म गिरिजादत्त नैथाणी जी द्वारा गढवाल पत्र कु संपादन कोटद्वार सी व्हे। 1901 मा गिरिजाजत्त नैथाणी जी द्वारा गढवाल पत्र कु संपादन कोटद्वार सी व्हे । पर आर्थिक तंगी का कारण यु पत्र द्वि साल का बाद बंद ह्वेगी छाई । बुद्धिजीवी वर्ग न देश प्रेम व समाजिक उत्थान नीति कु निर्धारण करी अर गढवाल अर गढवाल यूनियन नोंउ की एक संस्था बणाई ।अर 1905 म गढवाली संपादन गिरिजादत्त नैथाणी न ही कैरी पत्र का माध्यम सी बाल विवाह गो हत्या जनि सामाजिक समस्या प्रमुखता सी उठैन । हमारा पाड़ मा पत्रकारिता कु सबसी बडु योगदान रै अर पाड़ का कोणा कोणा मा बस समाचार पत्र कु सहारा लिए गे । नंदप्रयाग सी सवतंत्रता संग्राम सेनानी रामप्रसाद बहुगुणा न देवभूमि अखबार निकाली जैमा गाँधिवादी विचारों तैं पाड़ म फैलाणु सबसी बडु योगदान रे।लैसडाउन बटि डाँ भक्त दर्शन जी जना क्रान्तकारियों न कालेश्वर प्रेस भी अखबार निकाळी। हर मनखी तक आजादी की मिशाल पहुचे । ये अखबार सी क्रांतकारियों की अर अग्रेजों द्वारा कीये गी दमन या अत्याचार की सुचना आम पहाडी तक मिलदी थे । अर पाड़ कु यु आलम थौ की पुरु पाड़ डाँ भक्त दर्शन डाँ भक्त दर्शन जी की आजादी का दर्शन भलिभांति समझी गी । अर आजादी का बाद सत्तर दशक तक ।डाँ भक्त दर्शन ( रावत ) गढवाल का सांसद रैन आजादी की अलख जगाणा का खातिर भैरव दत्त न कर्मभूमि अखबार कू संपादन कैरी अर पुरा पाड़ मा कर्म भूमि की हाम उंका जीवित होंण तक रे । बाद मा सी ये अखबार की बदोलत लैसंडाउन का विधायक भी रैन । यु देखिए जांदू की आखिर मा पाड़ की जनता कथगा जागरुप च , विकास अर विचार द्वि पहलु पर चिन्तन मनन करणा का बाद क्वीं ठोस निर्णय लेंदी , बात करदन अलग राज्य उत्तराखण्ड़ बणाण क भी अखबारों कु सबसी बडु योगदान रे । बडा बडा छोटा अखबारों न सरकार का दमनता तें प्रमुखता सी उठै, जैसी अलग प्रदेश बणाणा क खातिर लोगों मा आग सुलकी । नैनीताल सी राजीव लोचन शाह द्वारा नैनीताल समाचार पत्र कु प्रकाशन कीये गे जैमा प्रबुद्ध आन्दोलनकारियों का लेख छपदा था । पर कुछ परेशानियों का वजै सी बीच मा जब समाचार पत्र कु प्रिंट आण बंद व्हेगी । तब लोग लाउड स्पीकर का माध्यम सी प्रचार किए गे सड़क्यों की चोराहा पर पडदा था । अर या घटना विश्वा का इतिहास की सबसी बडी घटना च की जू संस्करण पढये जांदु थो । यी घटना सी पता चलदू की हमारा पाड़ का लोगों का मन मा पत्रकारिता का पिछाडी कथगा रुची च उत्तराखण्ड मा जथगा भी आन्दोलन ह्वैन ऊंकू सफल होणा का पिछाडी पत्रकारिता कू सबसी बडू योगदान रै । पत्रकारिता जगत न आन्दोलनों तैं जन आन्दोलन की चार लोगों का सामणी अपणि पत्रकारिता का माध्यम सी रखि । पैलि जन संचार का संसाधन बहुत कम था पर हमारा पहाड़ कू दुख दर्द दिल्ली लखनऊ तक पोंछाण कु एक मात्र संसाधन थौ आकशवाणी या फिर चिट्ठी जोंका माध्यम सी एक हैका तें खबर मिलदी थे पर आज का युग मा देश अर दुनिया की एक एक पल की खबर का दगडा आकशवाणी सी हमारा गीत संगीत बोली भाषा तें दुनिया मा एक नई पछ्याण मिली आकशवाणी का माध्यम सी हम तें गढ रत्तन नरेन्द्र सिंह नेगी जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण बसंती देवी बिष्ट , हिरा सिंह राणा हमारा मौबैल पर आंदीन आज दैनिक समाचार पत्र न्यूज चैनल सोशल मीडिया फैसबूक वटसप का माध्यम सी हर खबर हर मनखि तक पोंछदी । या बात बिल्कूल सै च की बिना मीडिया कू क्वी भी आन्दोलन अगवाडी नी बडी सकदू न कै भी क्षेत्र कु सम्पूर्ण विकास ह्वे सकदू देश व प्रदेश का विकास क मीडिया की अति महत्वपूर्ण भूमिका च पर आज मीडिया का बजारीकरण सी देश का विकास व निषपक्ष खबरों कू लगातार ग्राफ घटणू च जु देश तें चिन्ता कु विष्य च जैकु असर पाड़ का विकास पर साफ दिखेणु च ।