उत्तराखण्ड की संस्कृति हमारी पहचान चाहिऐ रहें हिन्दुस्तान या रहें जापान-विनोद बिष्ट
- .उत्तराखण्ड की संस्कृति हमारी पहचान
चाहिऐ रहें हिन्दुस्तान या रहें जापान
दीपक कैन्तुरा - वही इंसान कामयाब होता है जो अपनी बोली भाषा व माटी जडों से जुड़ा रहता है.वर्षों से जापान में कर रहे व्यवसाय
- उत्तराखण्ड की उभरती प्रतिभा व असहाय गरिबों को नई पहचान दिलायेगी JP फ़िल्म्स
- अपनी माता पिता के नाम से बनाया JP फ़िल्म्स यू-टयूब चैनल
- .जन्मभूमि उत्तराखण्ड ,कर्म भूमि है जापान
- समाजिक कार्यों में विशेष योगदान है विनोद बिष्ट का
अभाव मेंं प्रतिभा पनपती है। ये पंंक्तियाँ सटीक बैठती हैं। जे पी इंटरनेेेनल कंपनी के सी .ओ अपनी बोली भाषा माटी से बेहद प्रेम करने वाले विनोद बिष्ट पर जिनहोंने अपनी- कठिन परिश्रम व लग्न से आज लगातार कामयाबी के मुकाम पर हैं । उनका कहना है की कामयाब होना हर किसी का ख्वाब होता है । आज के समय में हर इंसान कामयाब होना चाहता है लेकिन कामयाबी आसानी से नहीं मिलती है। उसके लिए बहुत मेहनत के साथ सही योजना का होना जरुरी है । प्रेरणा एक एेसी चीज है जौ इंसान से असंभव को संभव करवा सकती है ।
इंसान में कामयाबी की जिज्ञासा हो तो उसे कामयाब होने से कोई नही रोक सकता एेसा ही हुआ विनोद बिष्ट के साथ 15 वर्ष की अल्प आयु में रोजगार के लिए मायानगरी मुम्बई चले गये जहाँ उनहोंने दिन रात सघर्ष किया न धूप की न बारिश परवाह किए बिना अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिऐ सघर्ष की भट्टी में तपकर कुंदन बने ।
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कुछ वर्षों मुंबई में सघर्ष कर उन्होंने विदेशों का रुख किया जहाँ उनहोंने दिन रात मेहनत करके अपने व्यवसाय की शुरुवात की ।विनोद बिष्ट जी की दूरदृष्टी व कठिन मेहनत व कामयाबी की डगर लोकप्रीय व्यवहार के धनी बिष्ट जी ने अपने व्यवसाय का लगातार विस्तार किया और.एक कंपनी बनाई जे.पी इंटर नैशनल बनाई जिसमें उनहोंने कही उत्तराखण्डियों को रोजगार दिया । कहते हैं की हर पुरूष के कामयाबी के पीछे नारी का हाथ होता है एसे ही विनोद बिष्ट जी के कामयाबी के पीछे उनकी धर्म पत्नी सीमा बिष्ट जी का हाथ है जो विनोद बिष्ट जी के हर कार्य में उनका सहयोग करती हैं।
विनोद बिष्ट जी सीढी दर सीढी कामयाबी हासिल कर रहे हैं। अपनी माटी व संस्कृति जड़ों से जूडे रहने वाले विनोद बिष्ट जी बताते हैं की जेपी फिल्म चैनल का विचार सीमा था की एक यू-टयूब चैनल का. निर्माण किया जिसमें उत्तराखण्डी की बोली भाषा संस्कृति को बढावा देने के साथ छूपी प्रतिभाओं को मंच मिल सके हमारे पहाड में प्रतिभाओं की कमी नही है बस जरूरत है उनको तराशने की और उनको मंच प्रदान करने की ।
बिष्ट जी बताते हैं की कुछ प्रतिभायें धन अभाव के कारण नही उभर पाती एसी प्रतिभाओं को जेपी फिल्म मौका देगी पूरा सहयोग करेगी। बिनोद बिष्ट सात समुद्र पार होने के बाबजूद भी जन्मभूमि व माटी संस्कृति बोली भाषा के उत्थान के लिऐ प्रयासरत हैं जे पी फिल्म ने बहुत कम समय में अपनी पहचान बनाई जिसमें प्रमुख गीत-डांडे की जातिरा, गैल्या रतन, व जल्द आने वाला गीत यूवा गायक गजेन्द्र राणा का सपना छोरी रिलीज होने वाला है। सीमा बिष्ट जी बताती हैं की जे.पी फिल्म उत्तराखण्ड की संस्कृति साहित्य से जुडे सभी लोगों को एक जूट करने का प्रयास करेगी।