देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छों-युवा कवि जय इन्द्रदत की पाड़ की पीडा कविता का रुप मा आपका सामणी
l ll देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छों ll l
” खैरी विपता क, अंधेरा अडैयती क, शुख क उज्याल थै,जगणो छँव ।
में कुइ ओर नी छँव मेरा बाल्वो , देव भूमि कु में पहाड़ ब्वानु छोंं ।।”
देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छोंं ।
घुटटी- घुटटी ल्वेका मै आँसू प्यणो छँव।।…..
1 खैरी विपदा त्वेन मेमा खैक ।
बडू मनखी होइगी प्रदेश जैक ।।…..
मैम हिटी बैठी त्वेन ग्वया लगाई ।
पालि पोसी पढ़ई लिखें ज्वाँन बणाई ।।….देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छों –
भूलि न जै अपणी पहाडी भाषा ।
कब आलू बोणी मै लगियो छँव ससा ।l…
हिमालय पुस्तानी बिटि,
हिमालय पुस्तानी बिटि मुड़ म ठडीययोः च ।
देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छँव ।
देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छँव ।
घुटटी- घुटटी ल्वेका मै आँसू प्यणो छँव।। 2 घर जगा जमीन छोड़ी बल्दू की जोड़ी ।
बुढ़िया ब्या-बाबु अर घूँटा बँधी गोड़ी ।।…..
हिमालय पुस्तानी बिटि मुड़ म ठडीययोः च ।
देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छँव ।
देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छँव ।
घुटटी- घुटटी ल्वेका मै आँसू प्यणो छँव।।
बुढ़िया ब्या-बाबु अर घूँटा बँधी गोड़ी ।।…..
मै जणदो छँव मै मा बहुत दुःख विपदा ।
रोजगारे की यख निच सुख सुविधा ।।…..
देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छँव ..
किंगोड़ काफल हिंसार बिणि च ।
स्वाला चूड़ा बुखणा त्वेक धरी च ।।….
रोडी दौड़ी ऐजा मेमा, ,
रोडी दौड़ी ऐजा मेमा सास लगियो छाँव ।
देव भूमि कु में पहाड़ बोनु छँव ।।
देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छँव ।
घुटटी- घुटटी ल्वेका मै आँसू प्यणो छँव।।
3 पंच पँन्नो कु बल तुम्हारी भुज्जो मा ।
फसल उगावा देवभूमि मा ।।…..
आवा कुछ यनु जतन जतावा ।
छोट-छोट कुछ उदयोग लगावा ।।…..
देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छों..
बानी बानी की साग भुज्जी उगावा ।
भैरा बाखरुन सौड सजावा ।।…..
भैरा बाखरुन सौड सजावा ।।…..
घर बोडु होई जा त्ववे त,
घर बोडु होई जा त्ववे त मेरा सौंव ।
देव भूमि कु पहाड़ बोनु छँव ।
देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छँव ।
घुटटी- घुटटी ल्वेका मै आँसू प्यणो छँव।।
4 तकला चरखा राँच चलावा ।
ऊनि क नया नया झुंखा बनावा ।।….
कुछ न अपणु गात ढकावा ।
कुछ देशु विदेशु पुँछवा ।।…
देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छोंं ..
धौंखःकुंट पंखी कमला पखला ।
चादर अगड़ा ठलखा बड़ावा ।।…..
रोडी दौड़ी ऐजा मेमा, ,
रोडी दौड़ी ऐजा मेमा सास लगियो छाँव ।
देव भूमि कु में पहाड़ बोनु छँव ।।
देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छँव ।
घुटटी- घुटटी ल्वेका मै आँसू प्यणो छँव देवभूमि कु मै पहाड़ बोनु छों
निर्माता- दिनेश इंद्रदत्त अंथवाल
रचयिता व स्वर – जयेन्द्र इंद्रदत्त अंथवाल