अध्यात्म-प्रचार और समाज सेवा को समर्पित-श्री भोलेजी महाराज

देवभूमि उत्तराखंड आनदि काल से ही अध्यात्म,योग शिक्षा,संगीत और कला का
केंद्र रही है। यहां की सभ्यता और संस्कृति ने भारत ही नहीं बल्कि पूरे
विश्व के लोगों को अपनी और आकर्षित किया है। उत्तराखंड की धरती ने अनेक
ऐसे संत-महापुरूषों,समाजसेवियों,विद्धानों और वीरों को जन्म दिया
हैं,जिन्होंने निस्वार्थ भाव से देश व समाज की सेवा करके पूरी दुनिया में
इस पावन भूमि का नाम रोशन किया है।
संत-महापुरूषों की इसी श्रृंखला में परोपकार तथा जनसेवा का भाव अपने दिल
में संजोये है श्री भोलेजी महाराज,जिनका जन्म 27  जुलाई 1953 को
उत्तराखंड के पवित्र तीर्थस्थल हरिद्वार में हुआ। श्री भोलेजी महाराज के
पिता योगीराज श्री हंसजी महाराज तथा माता श्री राजेश्वरी देवी परम
तपस्विनी,समाजसेवी और आध्यात्मिक संपदा की धनी थी। उन्होंने कठोर परिश्रम
करके भारत के दुर्गम एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों के साथ-साथ दुनिया के कई
अन्य देशों में भी लोगों के अंदर अध्यात्मज्ञान,पारस्परिक सद्भाव,समाज
सेवा और विश्वशांति की ज्योति जलाई,आज श्री भोले जी महाराज उन्हीं के
पदचिन्हों पर चलकर उनके द्वारा शुरू किये गये जनहित कार्यों को आगे
बढ़ाने के लिए सतत प्रयत्नशील है।
श्री भोलेजी महाराज का खुद भी मानना है कि इंसान की रचना ईश्वर की
सर्वश्रेष्ठ कृति है। इसलिए पूरी दुनिया को सुंदर,सुव्यवस्थित,समुन्नत
तथा सुसंस्कृत बनाने का कार्य ईश्वर को सौंपा है और यह कार्य सम्पन्न
होगा अध्यात्मज्ञान के प्रचार व प्रसार से,उनके अनुसार आध्यात्मिक ज्ञान
के बिना मानव का सर्वागीण विकास सम्भव नहीं है।
इन विचारों के साथ श्री भोले जी महाराज दि हंस फाउण्डेशन,श्री हंसलोक
जनकल्याण समिति तथा स्निग्धा कल्चरल सेंटर जैसी कई धर्मार्थ,सामाजिक व
आध्यात्मिक संस्थाओं के माध्यम से दुनिया भर में मनुष्य जीवन के उत्थान
के लिए काई कार्यक्रम चला रहे है। फिर चाहे वह बेहतर स्वास्थय सेवाएं हो
या युवा रोजगार के लिए नये-नये अवसरों को प्रदान करने की बात हो,श्रीभोले
जी महाराज हर स्तर पर विकास को कई कार्य कर रहे है।
उत्तराखंड की बात करें तो,उत्तराखंड के विकास में श्रीभोलेजी महाराज जो
सराहानीय कार्य कर रहे है। उसकी निश्चित तौर पर प्रसन्नसा की जानी चाहिए।
पिछले दिनों सतपुली,पौड़ी गढ़वाल में श्री हंस करूणा अस्पताल की भूमिका
इस का एक उदाहारण है। इस अस्पताल की ख़ास विशेषता यह होगी कि इसमें
प्राथमिक चिकित्सा (ओपीडी) के अतिरिक्त सभी रोगियों के लिए सर्जरी,नेत्र
चिकित्सा,प्रसूति गृह,बाल-रोग संबंधी,ईएनटी और आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध
होंगी। इसके अतिरिक्त यहां एक ट्रौमा सेंटर और रक्त बैंक भी बनाया जाएगा।
इसकी के साथ दस हंस फाउंडेशन क्षेत्र के लोगों के लिए सचल वाहन उपलब्ध
करवाया है,ताकि लोग प्राथमिक चिकित्सा का तुंरत ही लाभ उठा सकें। यह
मोबाइल एम्बुलेंस श्री हंस करूणा स्वास्थ्य परियोजना का ही एक हिस्सा है।
जिसका फायद सीधे तौर पर गरीब और पहाड़ के आम लोगों को मिल रहा है। जिसकी
लोग प्रसन्ना करते हुई श्रीभोलेजी महाराज को धन्यवाद कर रहे है।
इस तरह की मोबाइल एम्बुलेंस उत्तर प्रदेश,गुजरात और छत्तीसगढ़ में भी
निःशुल्क चिकित्सा सुविधायें प्रदान कर रही है। इस एम्बुलेंसों का प्रयोग
मुख्य रूप से स्त्री रोगों के उपचार करने के लिए किया जा रहा है।
इसी के साथ श्रीभोलेजी महाराज निर्धन बच्चों के लिए विश्वस्तरीय शिक्षा
के लिए भी अह्म भूमिका निभा रहे है। जिसका एक परिवेश देहारदून और मसूरी
में स्थिति शिक्षण संस्थानों में देखी जा सकती है। इन स्कूलों में बच्चों
को आठवीं कक्षा तक के छात्रों को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध करवायी जायेगी
और देश के भविष्य को विकास की रहा में ले जाने का सुफल प्रयास श्री
भोलेजी महाराज के माध्यम से किया जा रहा है। यही नही इन तमाम संस्थाओं के
माध्यम् से लाखों बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान किये जा
रहे है। ताकि इनका भविष्य संवर सकें विकास की ओर अग्रसित हो सकें।

जगमोहन ‘आजाद’

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